Mulaqat Lyrics

मुलाकात Lyrics In Hindi

ये कैसी मुलाकात है
जैसे सदियों से तुम मेरी जान हो
अब कैसे मैं ये समझाऊं
कितने अरसों से तुम्हारा ही मुझे
इंतेज़ार है

हो हो हो हो हो…

तुम जो पास आई
चूमने का यूँ बहाना लेके
तब से तुम मेरी हो दास्तान

चाँद को बुलाकर तुमने
चमकाई मेरी जो रातें
तब से मैं तुम्हारा ही हुआ

दोनों ही कलाईयों पे
चांदी है सजी
होंठों पे जो लाली है
दिल में बस गई

ये मिलन कैसी
आग है
जल जाने की ही
आस है

मदहोशी हो या ना भी हो
इस प्यार की गहराई का कोई
इंतेहा नहीं

हो हो हो हो हो…

नाचने का मन करे तो
झूम लेंगे हम
और सितारों के बागीचे
घूम लेंगे हम

थोड़ी सी मज़ाकिया भी
बातें हम करेंगे
मिल गया है आशियान
हम आँखों से कहेंगे

यूँ होता है प्यार क्यों
थोड़ा डर भी है
थोड़ा जुनून

है गवाह महफ़िल की बेताबी
जाने कैसे कोई कह सके
के ये इत्तेफाक है

हो हो हो हो हो…

ये कैसी मुलाकात है
जैसे सदियों से तुम मेरी जान हो
अब कैसे मैं ये समझाऊं
कितने अरसों से तुम्हारा ही मुझे
इंतेज़ार है

हो हो हो हो हो…

ये कैसी मुलाकात है
हो हो हो हो हो
ये कैसी मुलाकात है
हो हो हो हो

ये कैसी मुलाकात है
हो हो हो हो हो
ये कैसी मुलाकात है