Khushi Jab Bhi Teri (Hindi)
सारी गलियां तेरी जगमगा दूंगा मैं
हर सुबह तेरी खुद को बना दूंगा मैं
सारी गलियां तेरी जगमगा दूंगा मैं
हर सुबह तेरी खुद को बना दूंगा मैं
तू चलेगी जो घर से निकल के कहीं
तो रस्ते में खुद को बिछा दूंगा मैं
खुदा जाने मुझमें तू क्या देखती है
मैं तुझमें खुदा का करम देखता हूं
खुशी जब भी तेरी
ओ खुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूं
खुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूं
तो फिर मैं कहाँ अपने गम देखता हूं
खुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूं
तो फिर मैं कहाँ अपने गम देखता हूं
कई रोज तक पानी पीता नहीं फिर ….!
हां ..!
कई रोज तक पानी पीता नहीं फिर
मैं जब तेरी आँखों को नम देखता हूं
खुशी जब भी तेरी ..!
हो.. तू देखे ना देखे हमें गम नहीं
मगर तुझको देखे बिना हम नहीं
तू देखे ना देखे हमें गम नहीं
मगर तुझको देखे बिना हम नहीं
खयालो में हरपल ही रहता है तू
ये रहने को जिन्दा हमे कम नहीं
तेरे साथ के एक लम्हें में भी मैं
तेरे साथ के सौ जनम देखता हूं
खुशी जब भी …!
तुझको किया याद दुनिया भुलाई है
सीने में ऐसी लगन इक लगाई है
तेरी तन्हाई मेरी जान पे बन आयी है
मिलने की मांगू दुआ …!
मिलने की मांगू दुआ ..!
नजर भर के जब देखता हूं तुझे मैं
तो जख्मो पे दिल के मरहम देखता हूं
खुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूं
तो फिर मैं कहाँ अपने गम देखता हूं
खुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूं
तो फिर मैं कहाँ अपने गम देखता हूं
खुशी जब भी तेरी ओ…!
खुशी जब भी तेरी ओ…!
खुशी जब भी तेरी