गणेश वंदना

सिद्धियों के लिए श्री गजानन की,
साधना कर रहे हैं हम |
वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||
वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

सिद्धियों के सदन ज्ञान का दान दे,
फिर न भूले कभी ऐसा वरदान दे,
सिद्धियों के सदन ज्ञान का दान दे,
फिर न भूले कभी ऐसा वरदान दे |

निर्धनों के लिए जो दिया है वही,
कामना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

सिद्धियों के लिए श्री गजानन की,
साधना कर रहे हैं हम |
वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

धुप तुम पर चढ़े, जन करे आरती,
प्रेम पूजा तेरी, हम करें भारती,
धुप तुम पर चढ़े, जन करे आरती,
प्रेम पूजा तेरी, हम करें भारती |

दीन जन के लिए जो दिया वही,
भावना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

सिद्धियों के लिए श्री गजानन की,
साधना कर रहे हैं हम |
वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

सिद्धियों के लिए श्री गजानन की,
साधना कर रहे हैं हम |
वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||
वंदना कर रहे हैं हम,
वंदना कर रहे हैं हम ||

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तयारी है
आओ आओ बेगा आओ चाव दर्श को भारी है
गजानंद महाराज पधारो

थे आवो जद काम बनेला था पर थारी बाजी है
रनक भवर गड्वाला सुन लो चिंता माहने लागी है
देर करो न तरसाओ चरना अर्ज हमारी है
गजानंद महाराज पधारो

रिधि सीधी संग ले आवो विनायक दो दर्शन थारा भगता ने
भोग लगावा भोग लगावा पुष्प चडावा थारे चरना में
घ्जानंद थारे हाथा में अब तो लाज हमारी हिया
गजानंद महाराज पधारो

भगता की तो विनती सुन कर शिव सूत प्यारो आयो है
जय जय कार करो गणपति की
आकर मन हरश्याओ है
बरसे लो अमृत भजना में आणि महिमा भारी है
गजानंद महाराज पधारो

रिध्दि सि-द्धि के दाता सुनो गण पति,

आपकी मेहर बानी हमें चाहिये,

पहले सुमिरन करूँ गण पति आपका,

लब पर मीठी सी वाणी हमें चाहिये,

रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गण पति।

रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति

आपकी मेहर बानी हमें चाहिये,

पहले सुमिरन करूँ गण पति आपका,

लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,

रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गण पति।।

सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये,

आज बिगड़ी हमारी बना लीजिये,

ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की,

तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये,

रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गण पति।।

तेरी भक्ति का दिल मे नशा चूर हो,

बस आँखो मे बाबा तेरा नूर हो,

कण्ठ पर शारदा माँ हमेशा रहे,

रिद्धि सिद्धि का वर ही हमें चाहिये,

रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति।।

सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम,

सारे वेदों मे ज्ञानो के ज्ञाता हो तुम,

ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहे,

बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिये,

रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति।। 

रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति,

आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,

पहले सुमिरन करूँ गण पति आपका,

लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये, 

रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति।।

नमस्कार करते है चरणों में हम,

गजानन स्वामी कर दो करम,

गजानन स्वामी कर दो करम।।

तीनो लोको की किन्ही परिक्रमा,

तीनो लोको की किन्ही परिक्रमा,

पार ना पाए तुमसे विष्णु औ ब्रम्हा,

पार ना पाए तुमसे विष्णु औ ब्रम्हा,

रिद्धि और सिद्धि के तुम हो परम,

गजानन स्वामी कर दो करम,

गजानन स्वामी कर दो करम।।

माता गौरा की आँख के तारे,

मैय्या गौरा की आँख के तारे,

दरशन करके प्राणन प्यारे,

दरशन करके प्राणन प्यारे,

तुम्हारे चरणों में सदा रहे हम,

गजानन स्वामी कर दो करम,

गजानन स्वामी कर दो करम।।

नमस्कार करते है चरणों में हम,

गजानन स्वामी कर दो करम,

गजानन स्वामी कर दो करम।।